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आईएसआई प्रमुख पाशा ने इस्तीफे की पेशकश की

Pasha's offer to resign

 14 मई 2011

इस्लामबाद। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी 'इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस' (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा ने एबटाबाद में अमेरिकी कमांडो कार्रवाई की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए शुक्रवार को पद से इस्तीफा देने की पेशकश की।

शुजा ने यह पेशकश पाकिस्तानी संसद के संयुक्त अधिवेशन में की। पाकिस्तानी सेना के आला अधिकारी लादेन की मौत के सम्बंध में अपनी कार्रवाई का विवरण देने के लिए संसद में पेश हुए। पाशा ने राष्ट्र से माफी मांगते हुए कहा कि यदि संसद चाहे तो वह पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं।

उन्होंने कहा, "यह नाकामी किसी मंशा की वजह से नहीं हुई लेकिन मैं अपनी गलती कबूल करता हूं।" सूचना मंत्री फिरदौस आशिक अवान ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल पाशा ने सांसदों से कहा कि वह इस विफलता की जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं।

पाशा ने सांसदों से कहा कि अमेरिकी नौसेना के सील्स कमांडो द्वारा की गई कार्रवाई के बाद उन्होंने इस्तीफे का प्रस्ताव किया था, लेकिन सेना प्रमुख ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया।

संसद का अधिवेशन पाकिस्तान में गत दो मई को एबटाबाद शहर में अमेरिकी कार्रवाई में अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के मारे जाने सम्बंधी घटना पर चर्चा के लिए बुलाया गया था। इसमें अमेरिकी कार्रवाई की निंदा करते हुए अमेरिका के साथ पाकिस्तान के रिश्तों की समीक्षा करने को कहा गया।

अमेरिकी कार्रवाई पर चर्चा के लिए बुलाए गए संसद के संयुक्त सत्र में सांसदों ने घटना की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की। सांसदों ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें आग्रह किया गया है कि जब तक अमेरिका ड्रोन हमले बंद नहीं कर देता, तब तक नाटो के काफिलों को अपने देश से गुजरने पर प्रतिबंध लगा दिया जाए।

संसद का संयुक्त सत्र ऐसे समय में बुलाया गया, जब शुक्रवार को पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर हिस्से में हुए दोहरे बम विस्फोट में 80 लोग मारे गए। चारसद्दा जिले के शाबकादार में स्थित फ्रंटियर कोर के एक प्रशिक्षण केंद्र पर हुए हमले में कम से कम 115 लोग घायल हो गए।

संसद ने कहा कि अमेरिकी कार्रवाई पाकिस्तान की सम्प्रभुता का उल्लंघन था। संसद का यह संयुक्त सत्र कड़ी सुरक्षा के बीच 10 घंटे से अधिक समय तक चला। सत्र के बाद सांसदों ने प्रस्ताव पारित किया।

प्रस्ताव में कहा गया है, "पाकिस्तान की जनता अब अधिक समय तक इस तरह की कार्रवाइयों को बर्दाश्त नहीं करेगी और इस तरह की एकतरफा कार्रवाई की पुनरावृत्ति का क्षेत्र व दुनिया की शांति एवं सुरक्षा पर घातक असर हो सकता है।"

प्रस्ताव में कहा गया है कि जिम्मेदारी तय करने के लिए तथा इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने सम्बंधी आवश्यक कदम सुझाने के लिए इसकी जांच कराई जानी चाहिए। प्रस्ताव में अफगानिस्तान की सीमा से लगे देश के पहाड़ी हिस्सों में आतंकवादियों पर हमलों के लिए अमेरिका द्वारा किए जा रहे चालकरहित विमानों के इस्तेमाल को अस्वीकार्य बताया गया है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि हमले नहीं रुकें, तो सरकार को अफगानिस्तान में नाटो बलों के लिए आपूर्ति हेतु रास्ता देना बंद करने पर विचार करना चाहिए।

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